शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

जस्टिस फार काम्पटिटर


छत्तीसगढ़ में PSC परीक्षा में आयोग की लापरवाही 

जस्टिस फार काम्पटिटर  - सीएम के नाम सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन
युवाओं ने मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से फूड इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए आयु सीमा 40 करने के साथ इसकी गणना 2010 से करने की मांग 
मोमबत्ती रैली 8 को-
पीएससी के रिक्त पदों पर शीघ्र हो भर्ती
सीएम के नाम सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन
पीएससी के रिक्त पदों पर शीघ्र हो भर्ती
कोन्हेर गार्डन में उपस्थित प्रतियोगी।
आंदोलन की तैयारी



 Chhattisharh PSC परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों ने कलेक्टर को CM के नाम ज्ञापन सौंपकर लोकसेवा आयोग द्वारा रिक्त पदों की भर्ती के लिए नियमित परीक्षा आयोजित कराने की मांग की है

प्रतिभागियों ने कोन्हेर गार्डन में बैठक कर पीएससी परीक्षा के संबंध में विस्तार से चर्चा की। प्रतिभागियों ने कहा कि लोकसेवा आयोग के विभिन्न पद रिक्त होने के बावजूद भी नियमित परीक्षा नहीं ली जा रही हैं। वर्तमान में रिक्त पदों की भर्ती लोकसेवा आयोग द्वारा परीक्षा लिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने ज्ञापन में सीएम से प्रतिभागियों के भविष्य को ध्यान में रखकर इस ओर सकारात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। वर्ष २००३ व ०५ की पीएससी परीक्षा विवादित रही, जिसका खामियाजा प्रतिभागियों को भुगतना पड़ रहा है 


छत्तीसगढ़ में अब तक ये परीक्षाएं रहीं विवादों में
        2003 में PSC
        2005 में PSC, 
        2006 में सब इंस्पेक्टर,
        2007 में मंडल संयोजक, 
       2009 में असिस्टेंट प्रोफेसर
       2009 में PSC
       2010 में सीएमओ की परीक्षा 

     आयोग की लापरवाही के कारण यह सभी परीक्षाएं किसी न किसी कारणों से हाईकोर्ट में लंबित रही है। इसलिए भी प्रदेश में देर से प्रतियोगी परीक्षा आयोजित हुई, जिसका सीधा असर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों की आयु सीमा पर पड़ रही है।

मोमबत्ती रैली 8 को

परीक्षा में हो रहे अनियमितताओं को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई गई है। इसके लिए 8 फरवरी को गांधी चौक से कैंडल रैली निकाली जाएगी। इसी तरह 10 फरवरी को घड़ी चौक रायपुर में मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा
फूड इंस्पेक्टर की परीक्षा में उम्र सीमा को लेकर उलझन
 शासन ने भले ही फूड इंस्पेक्टर की परीक्षा अप्रैल 2011 में तय की है, लेकिन इसके लिए आयु सीमा की गणना 2012 तक की जा रही है। इससे पिछले कई वर्षो से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवार परीक्षा के लिए अयोग्य हो जाएंगे। शासन द्वारा यह परीक्षा 2011 में ली जा रही है, लेकिन इसके लिए आयु सीमा की गणना 2012 तक की जा रही है, यानी 2012 तक उम्मीदवारों की आयु 35 वर्ष होनी चाहिए। इस तरह अगले वर्ष आयु सीमा की गणना करने के कारण सैकड़ों उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए अयोग्य हो जाएंगे। इसे देखते उम्मीदवार विजयानंद सिंह व आशुतोष शुक्ला सहित अन्य ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर आयु सीमा की गणना 2010 से करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि पिछले कई वर्षो से हजारों युवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। 
आयु सीमा 
प्रदेश में विभिन्न पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा समय पर नहीं होने के कारण इन उम्मीदवारों की आयु ज्यादा हो गई है। ऐसे में 2012 तक आयु सीमा को रखना परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ अन्याय है .

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